पिता ही नहीं माँ भी थे बापू
राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के वैसे तो अपने चार पुत्र थे लेकिन वे तमाम भारतीयों को अपनी मानस संतान के तौर पर देखते थे। फिर भी उन्होंने अंतिम दिनों में अपने साथ रही मनुबेन गाँधी का
View Articleगाँधी और गुरुदेव के बीच हास परिहास
एक दूसरे का बेहद सम्मान करने वाले महात्मा गाँधी और गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर के आपसी संबंधों का एक दिलचस्प पहलू वे मजेदार टिप्पणियाँ हैं जिसमें इन दो महान विभूतियों के उच्च हास्यबोध के...
View Articleडाक टिकटों में मोहन से महात्मा तक का सफर
बहुत कम लोगों को पता होगा कि भारत को गुलामी के शिकंजे में कसने वाले ब्रिटेन ने जब पहली दफा किसी महापुरुष पर डाक टिकट निकाला तो वह महात्मा गाँधी ही थे।
View Articleगाँधी के जीवन में उपेक्षित अध्याय प्राणजीवन मेहता
महात्मा गाँधी का व्यक्तित्व हजारों लाखों के लिए प्रेरणास्रोत है लेकिन उनके जीवन के कई महत्वपूर्ण मौकों पर उन्हें सही निर्णय लेने में मदद करने वाले और देश की आजादी के मार्ग पर पूरी ताकत से आगे बढ़ने की
View Articleभारतीयों के हाथ ही काफी हैं : गाँधी
वह भारत का सुनहरा दौर था, लेकिन जल्द ही वक्त की बुरी नजर इस प्यारे देश को लग गई। वर्ष 1600 में जब ग्रेट ब्रिटेन के नाविकों ने भारत का रुख किया, उस समय सचमुच यह देश सोने की चिड़िया हुआ करता था।
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